बलिया, उत्तर प्रदेश का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर से एकदम भरा शहर है। यहाँ की ऐतिहासिक भूमि, धार्मिक स्थल, और प्राकृतिक सौंदर्य यात्रियों के लिए एक आकर्षक स्थान माना जाता है । अगर आप बलिया घूमने की योजना बना रहे हैं, तो यहाँ कुछ आकर्षित जगह और पॉपुलर पर्यटन स्थल हैं जिनका आपको जानना जरूरी है आपको जरूर करना चाहिए।
1. सुरहा ताल: पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग जैसे

बलिया से लगभग 15 किलोमीटर दूर सुरहा ताल एक प्रमुख पक्षी अभयारण्य है, जिसे 1991 में पक्षी अभयारण्य घोषित किया गया था। यहाँ सर्दियों के महीनों (अक्टूबर से फरवरी) में साइबेरिया से आने वाले प्रवासी पक्षियों की एक अनोखी किस्म देखी जा सकती है। यदि आप पक्षी प्रेमी हैं, तो सुबह जल्दी यहाँ पहुंचकर विभिन्न पक्षी प्रजातियों की नज़दीकी झलक देख सकते हैं। सुरहा ताल का शांत वातावरण और प्राकृतिक सौंदर्य आपको एक अद्भुत अनुभव प्रदान करेगा। बलिया स्टेशन से करीब यह का किराया 30 रुपया है |
2. बॉटनिकल गार्डन: प्राकृतिक शांति का अनुभव

बलिया का बॉटनिकल गार्डन शहर की खूबसूरत और शांति प्रदान करने वाली जगहों में से एक है। यहाँ विभिन्न प्रकार के जड़ी-बूटियाँ, पेड़-पौधे, फूल और सजावटी पौधों का मेल है। गार्डन का वातावरण शांत और ताजगी से भरा हुआ है, जो आपके मानसिक तनाव को कम करने में मदद करेगा। अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं, तो यह स्थान आपके लिए आदर्श होगा।
3. भृगु मंदिर: धार्मिक आस्था का केंद्र

भृगु मंदिर बलिया का एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जो संत भृगु बाबा को समर्पित है। यह मंदिर कदम चौराहा के थोड़ा सा आगे में है और हर साल कदम चौराहा के पास ही ददरी मेला आयोजित किया जाता है, जो स्थानीय लोगों और पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय है। मंदिर में भक्तों का आना-जाना लगा रहता है, और यह स्थान बलिया के धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
4. बालेश्वर मंदिर: श्रद्धा का स्थल

बालेश्वर मंदिर एक और प्रमुख धार्मिक स्थल है जहाँ सालभर भक्तों की भारी भीड़ होती है। यह मंदिर अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ का प्रमुख आकर्षण है मंदिर के मुख्य गलियारे में लगा बड़ा घंटा, जो स्थानीय और बाहरी भक्तों का ध्यान आकर्षित करता है। स्टेशन से किराया 10 रुपया है |
5. शहीद स्मारक: स्वतंत्रता संग्राम की यादें

शहीद स्मारक बलिया के उन स्वतंत्रता सेनानियों की याद में बनाया गया है जिन्होंने बलिया को स्वतंत्र जो अंग्रेजों से लड़ने के लिए और अपना देश आजाद करने के लिए अपनी जान दी थी। बलिया का शहीद स्मारक इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थल है, खासकर 1942 में जब बलिया चौदह दिनों के लिए स्वतंत्र शहर बना था। इस स्थल का दौरा करने से आपको बलिया के स्वतंत्रता संग्राम की अनमोल यादें ताज़ा हो जाएंगी। स्टेशन से किराया 5 रुपया है |
6. अवधूतेश्वर शिवालय: ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल

बलिया का अवधूतेश्वर शिवालय एक भव्य और ऐतिहासिक मंदिर है जो दक्षिण भारतीय शैली में बना है। यह मंदिर पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी की जन्म जहा हुआ था वही बना है। यहाँ का शांतिपूर्ण वातावरण और धार्मिक महत्व पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। अगर आप ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों में रुचि रखते हैं, तो यह स्थान आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
7. चितबड़ा पोखरा: ऐतिहासिक धरोहर

बलिया जिले के चितबड़ा गांव में स्थित चितबड़ा पोखरा न केवल एक पर्यटन स्थल है बल्कि एक ऐतिहासिक धरोहर भी है। इस पोखरे का निर्माण चितबड़ा गांव के दीनदयाल बरेई ने कराया था। यहाँ की ठंडी हवाएँ और शांत वातावरण आपको एक अद्भुत अनुभव देंगे।
8. विहंगम योग संस्थान: आध्यात्मिक अनुभव

बलिया के सिंकदरपुर स्थित विहंगम योग संस्थान एक आध्यात्मिक स्थल है जहाँ लाखों लोग साधना करने आते हैं। यह संस्थान सदाफल देव जी महाराज द्वारा स्थापित किया गया था और यहाँ का वातावरण शांति और ध्यान की एक अलग ही दुनिया में ले जाता है। यदि आप आध्यात्मिकता की खोज में हैं, तो यह स्थल आपके लिए उत्तम रहेगा।
घूमने का सही समय क्या है
बलिया का मौसम सामान्यतः गर्म होता है, लेकिन सर्दियों का मौसम (नवंबर से फरवरी) यहाँ यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है। इस दौरान यहाँ का मौसम सुखद और ठंडा रहता है, और आप आसानी से इन ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थलों का आनंद ले सकते हैं।